फॅर होते ही मैं तमाम इंदौरियों भोपाली और ग्वालियर वालों से माँगना चाहूँगा क्योंकि अब जो मैं बनाने वाला हूँ ।
फॅमिली इंदौर , भोपाल और ग्वालियर का बडा जबरदस्त होता है ।
उज्जैन का बहुत जबरदस्त होता है ।
लेकिन अब क्योंकि मेरी शादी एक महाराष्ट्रियन परिवार में हुई है तो इसको तो तो इसलिए मेरे को उसका महाराष्ट्रीयन वर्शन बनाना पडेगा ।
देखिए आप समझ सकते हैं तमाम शादीशुदा लोग घर पे सुख शांति , सुलह समझौता चाहिए तो पोहा बना रहा हूँ ।
महाराष्ट्रियन स्टाइल में बना रहा हूँ लेकिन इंदौर वाले उज्जैन वालो , ग्वालियर वालो भोपाल वालों आपका पोहा जबरदस्त होता है , साथ साथ बताता रहूँगा ।
कैसे बनता है ठीक ॅ चिवडा चूडा पोहा हिंदुस्तान बांग्लादेश नेपाल जहाँ पे चावल बहुत खा जाता है वहाँ चावल को स्लाइट ली कुक करके उसके बाद उसको पीठ के सुखा के बनाया जाता है ।
दिस फॅमिली इंट्री वराइटी एक तो रेड राइस का चिवडा , फिर बारीक चिवडा महीन चिवडा और उसके बाद ये जादा पोहा जिसे हम लोग बोलते हैं जादा यानी कि मोटा चिवडा और ये जो महीन चिवडा है , ज्यादातर दालमोट में इस्तेमाल होता है , फॅमिली होता है , ड्राई खाने में इस्तेमाल होता है और ये जो चिवडा है ये वाला चिवडा ये इस्तेमाल होता है ।
पोहा बनाने के लिए फॅस तो इन तीन को समझना बहुत जरूरी क्योंकि अगर इस चिवडे का हमने बना दिया पोहा तो फिर हलवा सा बन जाएगा तो महाराष्ट्र पूरा देखिये महाराष्ट्र में इतने समय से रह रहा हूँ इतने टाइम से यूँ कह लीजिए कि महाराष्ट्र का अन्न खा रहा हूँ तो मजाक छोडिए महाराष्ट्रियन खाने में महाराष्ट्रीय स्नैकिंग में एक जलवा , एक जादू और उस जलवे और जादू को आपके सामने पेश करते हुए मुझे बहुत हो रही है और साथ में ये भी हो रही है कि आज झगडा नहीं तो भाई महाराष्ट्र में कांदे पोहे जो है उसकी तो आपको समझ लीजिए कि इतनी वैल्यू है की शादी होने से पहले कांदे पोहे होना बहुत जरूरी होता है ।
जब लडका लडकी मिलते हैं तो उसमें क्या है चाय और कांदा पोहा बनना जरूरी है तो जो जो रस्म है मिलने की जिसमें लडका लडकी मिलते हैं उसको फॅमिली कांदे पोहे बोलते हैं तो जब लडका लडकी शादी हो रही होती है तो ये पूछा था भाई कांदे पोहे कहाँ हुए थे या कांदे पूरे हो गए ।
क्या मतलब मिलनी हो गयी ।
मिलन जलन हो गया ।
दोनों परिवार आपस में मिल के बैठ लिए ।
एक दूसरे को पसंद कर लिया तो फॅमिली को ही कांदे पोहे बोल देते हैं कांदे पोहे की कीमत जो है वो महाराष्ट्र में इतनी कांदे पोहे ना होते तो महाराष्ट्र में शादियां कैसे होती वाला बताइये होता है ना ?
कॉल ऍम ये देख सारे खुश हो गए ये दादर वाला भी खुश हो गया कांदे पूरे डाले कांदे मतलब जो महाराष्ट्र से नहीं है कांदे मतलब प्यार है ना अन्य उं और जितना आप कांदा डालेंगे उतना ज्यादा टेस्टी बनेगा आपका कांदा पोहा तो अब जो पोहा है वो दो किस्म का होता है ।
एक होता है बारीक पोहा एक होता है जादा पोहा तो जो का पोहा है उसको पानी में अच्छे से धो लेना अंदर का जो माल है वो निकाल लेना सोक नहीं करना ज्यादा और मतलब कह लीजिए कि हल्का सा वॉश करके निकाल लेना है ये जो मैन है ये ऐसे निकल रहा है वही मैं आलू जो है वो सब स्टाॅल करने के लिए उसको बौडी देने के लिए डालते हैं ।
अगर आपको नहीं डालना तो मत डालिए थोडा थोडा बारीक बारीक कटा हुआ आलू आलू मतलब ऐसा कटा हुआ तुरंत पाक जाए ।
आलू के पकने के लिए वेट ना करना पडेगा ।
अच्छा कायदे तो मूंगफली का तेल नहीं है तो रिफाइन्ड ऑयल भी यूस कर सकते हैं ।
इसमें डाला राइट हरी मिर्च , कडी पत्ता , मूंगफली , मूंगफली को हल्का सा नटी क्या बस तो और ये कांदा प्याज अच्छा प्याज को ब्राउन नहीं करना एकदम वो नॉर्थ इंडियन कॉर्मस टाइप में ब्यूटी अकुंर प्याज जो है वो को जूसी बनाता है ।
यानी कि प्याज को स्वाॅट करना है सिर्फ वो जो उसकी शर्ट मिस होती है ना वो शर्ट मिस मारनी , हल्का सा नमक गई हल्दी का पुराने समय में इस्तेमाल जो था वो ट्रेवल के लिए बहुत साथ में खाना ।
जब लोग लेके जाते तो एक मसाला ले जाते थे और ये चिवडा ले जाते थे साथ में बारीक वाला और जो कहीं पर भी जहाँ मन किया वहाँ निकाला निकाला , मसाला निकाला , मिक्स किया और और खा लिया ।
एक दडबे पोहे है महाराष्ट्र के जिसमें की एक मसाला होता है और साथ में ये पोहे होते हैं उसको मिक्स करके खाते हैं ।
और इसी मिला के खाने वाले पोहे की कहानी में कृष्ण सुदामा की कहानी भी बडी रोचक और जरूरी है कि भाई जब सुदामा कृष्ण से मिलने गए तो अपने साथ पोहे ले गए क्योंकि श्रीकृष्ण को पोहे बडे पसंद है और उनको रास्ते में खाने के लिए भी कुछ चाहिए था तो पोहे ले गए और जब वो गए उन्होंने देखा कि श्रीकृष्ण इतने बडे राजा हो गए तो सुदामा को बहुत शर्म आयेगी ।
मैं इनको पोहे कैसे दूँ ?
तो उन्होंने बहुत झिझक झिझक में कुछ नहीं दिया और जाते समय जब श्रीकृष्ण ने पूछा कि तुम्हारी पोटली में क्या तुमने कल से दिखाया नहीं ?
तब सुदामा ने बोला कि मैं आपके लिए पोहे लेके आया था और मुझे लगा कि अब आप इतने बडे हो गए हैं तो पोहे जो है वो हम गरीबों का सफरी खाना है ।
आप क्या खायेंगे तो कहते हैं श्रीकृष्ण पोहे बडे मजे से खाए और उसके बाद जब सुदामा अपने घर पहुंचे तो उनका घर नहीं था ।
वहाँ पे एक बहुत बडी सी हवेली एक बहुत बडा सा महल बन गया और वो श्री कृष्ण का धन्यवाद था ।
उस पोहे को खिलाने के लिए एक चीज तो पक्की है कि पोहे हिंदुस्तान में बडे टाइम जब किसी ने कृष्ण लीला लिखने की कोशिश करी तब से पोहे हिंदुस्तान में थे ।
ॅ ब्यूटीफल फोकलोर कहानियों के साथ जो खाना चलता रहता है तो ये पक्का हो जाता है कि जितनी पुरानी कहानी है कम से कम उतना पुराना खाना तो होगा ।
कहानी चाहे सच है , झूठ है की नहीं अच्छा अब अगर आप इंदौर में होते तो इसके अंदर थोडी सौंफ जाती , हल्की सी मिठास जाती ।
पोहे के अंदर ही थोडा नमक और हल्दी के पानी में और शक्कर के साथ पोहे को यहाँ पर सो कर लिया जाता है ।
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प्याज की मिठास गुड अब जो इसके अंदर पानी डाला हुआ है वो जो दो ढाई चम्मच उससे एकदम से ये पोहा जो है वो सॉफ्ट हो जाएगा और गैस बंद कर देंगे ।
मिलेंगे तीन दो एक फॅार करके मेरे को तीन दो एक याद पड गई ।
देखिए अब जो है पोहे ने अपनी शेप पकड लिया ।
अब आप हल्की सी बद्तमीज बदतमीजी कर सकते हैं ।
इसके साथ मतलब हल्का सा इसको टॉस कर सकते हैं ।
एकदम से जब आप पोहा डालेंगे ना जब सो क्या होगा ?
पोहा आप एकदम से डालेंगे तब उसको बिल्कुल भी नहीं चलाना है क्योंकि तब वो अपनी शेप अकड रहा होगा ।
ॅ पोहा कुक्स ऍफ ऑरबिट वो हैंडल करने लायक हो जाता है ।
अच्छा आप सबसे इंपॉर्टेंट चीज है ।
जिस बर्तन में पोहा पकाये उस बर्तन में उसे कभी ना रखें ।
ओह को अब ये ट्रिक कोई नहीं बताएगा ।
बट क्या करे आपके साथ प्यार ही इतना ऍम हल्का सा पानी का छींटा मार के वो सब पानी पी लेगा ।
टेंशन मत ले , एक अलग बर्तन में रखें ।
है ना मजे की ट्रिक अब ये मजे की ट्रिक कोई होटल वाला शॅल या मेरे जैसा प्राॅफिट नहीं सीख सकता ।
यह ट्रिक मेरे को मेरी घरवाली ने बताई देखो वी शुड ॅ राइट लेकिन इंदौर का जो है ना और कुछ नहीं चाहिए ।
चाहे तो थोडा बारीक कटा हुआ कांदा लोग ऍप्स कांदा डाल देते हैं ।
लेकिन सबसे अच्छा कंबिनेशन के साथ पता है क्या ?
जो ले हिंदुस्तान ने जो पोहा जलेबी का कॉम्बिनेशन बनाया ना पूरी दुनिया को सिखा दिया कि नमक और मीठा जो एक साथ मिल सकता ऍम क्या हमारी पोहा जलेबी की है है कि नहीं ?
मुँह डिफिकल्ट डिश याद रखिए ।
रणवीर जितनी बातें करता है , बातों पे ध्यान उतना मत दीजिये ।
जो खाना बना रहे हैं उस पर ध्यान दीजिए वरना वही होगा की आप बोलेंगे ।
रणवीर बडा अच्छा बनाया था हमसे बनता नहीं ।
पता नहीं क्या छुपाता है ।
रणवीर कुछ नहीं छुपाता ।
रणवीर को खाना बनाते टाइम बातें करें ।
मैंने का शौक है और आप उसकी बातों में आ जाते हैं और कई बार रेसिपी ठीक से नहीं देखते ।
ऑॅफ फली सब्स्क्राइब शेर लाइक ऍम वेटिंग में इंतजार कर रहा हूँ जब मेरी ही रेसिपी मेरे साथ व्हाट्सप्प पे शेर होगी किसी ग्रुप में और मुझे खुशी होगी की चलिए कहीं ना कहीं हमारी कहानी हम तक वापस आये ऐसा नहीं हुआ ।
ऍम वेटिंग प्लीज उं फॅस