डर सबको लगता है .
छलावा रामपुर गाँव के रहनेवाले सुदीप की बरात दुल्हन लेकर वापस लौट रही थी .
सुदीप अपनी पत्नी के साथ car में था , और बाकी के लोग बस में .
सुदीप की car बस के साथ साथ ठीक उसके पीछे चल रही थी .
रात बहुत हो चुकी थी , और सुदीप की पत्नी रीमा को जोरों से नींद आ रही थी .
Driver car चला रहा था .
तभी रीमा ने सुदीप से पानी पीने के लिए कहा .
मुझे बहुत ज़ोर से प्यास लगी है , पानी चाहिए .
अरे रीमा , पानी तो खतम हो गया है .
अब क्या करें ?
गाँव पहुँचने में तो अभी काफी देर लगने वाली है .
लेकिन इतनी देर प्यासी कैसे रहूंगी ?
आप लोग परेशान मत होइए .
यहाँ आगे एक जगह पानी मिल जाएगा .
कुछ दूर जाकर driver ने car को रोक दिया .
सड़क के किनारे एक hand pump बना हुआ था .
सुदीप car से पानी लेने के लिए उतरने लगा .
रीमा ने उसे कहा कि वो भी car में बैठे बैठे थक गई थी और दो minute के लिए उतरना चाहती थी .
आप दोनों की अभी अभी शादी हुई है , हाथों में मैदे लगी हुई है , ऐसे में आधी रात को सुनसान जगह रूकने सही नहीं है , पानी मैं लेकर आता हूँ .
लेकिन मुझे बाहर जाना था .
शायद driver भैया सही कह रहे हैं , रीमा .
हमें बाहर नही जाना चाहिए .
Driver बाहर उतर गया , और रीमा car की खिड़की से बाहर देखने लगी .
कुछ देर में driver पानी लेने गया , और पानी लेकर वापस आ गया .
उसने पानी की बोतल रीमा को दे दी .
रीमा ने जल्दी से पानी पी लिया .
लेकिन इस beach में बरात की बस जो अब तक आगे आगे चल रही थी , वो दूर निकल गई , और रीमा , सुदीप और driver उस सुनसान रास्ते पर अकेले रह गए .
ये देख सुदीप ने driver से कहा कि वो car को थोड़ा तेज चलाए , ताकि bus के पास पहुंचा जा सके .
Driver ने सुदीप की बात को मानते हुए car को तेज चलाना शुरू कर दिया .
लेकिन काफी देर के बाद भी car बस तक नहीं पहुंच पाई .
भैया , यह गड्ढा हो गया , लेकिन अभी तक कहीं बस नज़र नहीं आ रही है .
इतनी दूर तो नहीं निकली थी .
आखिर हो क्या रहा है ?
तभी रीमा की नज़र सड़क के किनारे एक hand pump पर पड़ी .
उसने देखा कि ये वही hand pump था , जो कुछ देर पहले रास्ते में आया था , और जहां से उन लोगों ने पानी लिया था , क्यूंकि उस hand pump का भी handle टूटा हुआ था .
Driver भैया , अब गलती से car वहीं लेकर आ गए हैं .
हाँ , मुझे भी ऐसा ही लग रहा है .
लेकिन ये सब हो क्या रहा है ?
वो देखिये , hand pump के पास कोई है , उससे पुछ लेते हैं .
सुदीप , रीमा और driver ने देखा कि एक बूढ़ा आदमी hand pump से पानी भर रहा था .
आप हमें यहाँ से रामपुर जाने का रास्ता बता सकते हैं ?
रामपुर तो दो kilometer पीछे छूट गया .
तुम लोग वापस जाओ नहीं ऐसा नहीं हो सकता हम वहीं से आ रहे हैं वहां रामपुर गाँव नहीं है भाग जाओ यहाँ से , ये रास्ता बहुत खतरनाक है .
यहाँ एक छलावा घूमता है .
अगर तुम उसके चक्कर में फ़ंस गए , तो कभी यहाँ से बाहर नहीं जा पाओगे .
ये सुनते ही driver सुदीप और रीमा बुरी तरह से डर गए .
सुदीप वहाँ से car लेकर निकला , लेकिन काफी देर हो गई और वो लोग उसी रास्ते पर घूमते रहे .
अब उनको समझ आ गया था कि वो छलावे में फंस चुके थे .
तभी रीमा ने धीरे से सुदीप के कान में कहा .
किसी भी बहाने से हमें इस driver को car से उतारना होगा और car तुम्हें चलानी होगी .
लेकिन ऐसा क्यूँ ?
क्यूँकि ये driver ही car से बाहर उतरा था .
और उसी वक्त चलावे ने इसे पकड़ लिया होगा .
अगर हमने इसे यहीं छोड़ दिया तो हम बच सकते हैं .
सुदीप रीमा की बात मान लेता है , और driver को car रोकने के लिए कहता है .
उसके बाद सुदीप खुद भी car से उतर जाता है , और driver को बाहर आने के लिए कहता है .
Driver बाहर निकलता है , और सुदीप उसे धक्का देकर खुद गाड़ी में बैठ जाता है .
सुदीप और रीमा वहां से भाग निकलते हैं .
कुछ दूर जाने पर उन्हें अपनी बरातवाली bus नज़र आती है .
तुम ठीक कहती थी रीमा , यह देखो हमारी bus नज़र आ रही है .
अच्छा हुआ उस driver को वहीं फ़ेंक दिया .
बिल्कुल ठीक कहते हो तुम .
अब हमें यह car छोड़कर सब लोगों के साथ bus में बैठ जाना चाहिए .
सुदीप car को bus के आगे रोक देता है और वे दोनों अपने घर वालों के साथ bus मे बैठ जाते हैं .
Bus आगे बढ़ने लगती है , थोड़ी देर बाद सुदीप की नज़र बाहर hand pump पर पड़ती है , यह वही hand pump था , जिसके पास से वो पहले दो बार गुज़र चुके थे .
अब सुदीप को समझ नहीं आ रहा था कि driver तो वहीं रह गया .
फिर आखिर ये छलावा उसे अब भी क्यूं हो रहा था ?
सुदीप ने यह बात अपने रिश्तेदारों को बताई .
हम सब लोग एक छलावे में फंस चुके हैं .
इससे बाहर कैसे आना है कोई नहीं जानता .
लेकिन बेटा यह छलावा होता क्या है ?
Papa जब कोई इंसान accident में मर जाता है तो उसकी आत्मा ऐसे सुनसान पर भटकती रहती है और लोगों के सामने ऐसा भ्रम पैदा करती है कि वे आगे बढ़ रहे हैं , लेकिन वह उसी जगह पर घूमते रहते हैं .
हम कभी अपने गाँव रामपुर नहीं पहुंच पाएंगे .
सुदीप की बात सुनकर सब लोग बुरी तरह से डर जाते हैं , तभी remo उठ कर खड़ी हो जाती है , उसे bus की खिड़की से अब वह driver नज़र आ रहा था .
रीमा ने इस बारे में सब लोगों को बता दिया .
सब लोगों को लगा कि वह जितना driver से बचने की कोशिश करेंगे , उतना ही फंसते चले जाएंगे .
इसलिए उन्होंने bus को रोका और driver को bus के अंदर बुला लिया .
इस छलावा से हम कभी बाहर नहीं निकल पाएंगे , अगर हमने उसे अपने से दूर नहीं किया , तुम ही वो छलावा हो , इसलिए अब तुम्हें मरना होगा .
अपनी जान बचाने के लिए खतम कर देंगे .
ऐसा कहते ही सुदीप और उसके papa मिलकर driver को मार देते हैं .
कुछ ही देर बाद वो अपने गाँव रामपुर पहुंच जाते हैं .
वहाँ पर रीमा का स्वागत किया जाता है , लेकिन रीमा जैसे ही सिंदूर वाले पैर लेकर आगे बढ़ती है .
उसके पैरों के निशान नहीं बनते .
ये देखकर सब हैरान रह जाते .
बहु के पैरों के निशान क्यूँ नहीं वन रहे ?
इसका मतलब हमारी बहु के ऊपर कोई बुरी आत्मा का साया है .
अब क्या करें ?
ये हमारी बहु नहीं बल्कि वो बुरी आत्मा है जिसकी वजह से हम फ़ंस चुके हैं .
नहीं , ऐसा नहीं है .
मैं रीमा हूँ .
मेरे साथ कुछ मत कीजिए , please .
अगर हमने तुझे छोड़ दिया , तो हम सब मारे जायेंगे .
नहीं , ऐसा मत कीजिए .
मैं छलावा नहीं हूँ .
मेरा भरोसा करो .
यह आपका बेटा छलावा हैं .
ये आपको जैसा दिखा रहा है ना , सब कुछ वैसा ही नज़र आ रहा है .
लेकिन कोई भी रीमा की बात पर यकीन नहीं करता .
वो लोग उसे मारते नहीं हैं , लेकिन एक कमरे में कैद कर देते हैं .
सुदीप के चाचा का बेटा राहुल , ये सब कुछ चुपचाप देख रहा था .
उसे लगा कि रीमा के ऊपर घर के लोग अत्याचार कर रहे हैं .
इसलिए वो रात के वक्त उस कमरे में पहुंचा , जहा रीमा को कैद किया गया था .
तुम चिंता मत करो रीमा , मैं तुम्हें यहां से बाहर ले जाऊंगा .
Please मेरी मदद करो .
राहुल रीमा का हाथ पकड़कर उसे वहां से बाहर ले जाने के लिए निकलता है .
तभी वहां पर परिवार के बाकी लोग आ जाते हैं .
वो राहुल को वहां देख कर नाराज़ हो जाते हैं .
यह तुम क्या कर रहे हो ?
मेरी पत्नी को कहां लेकर जा रहे हो ?
मेरी पत्नी का हाथ कैसे पकड़ा तुमने ?
आप लोग रीमा के साथ गलत कर रहे हैं .
मैं उसे यहां से बाहर निकाल रहा था .
तुम ऐसा नहीं कर सकते .
आप मुझे नहीं रोक सकते .
मैं रीमा को लेकर जाऊंगा .
राहुल के इतना कहते ही सुदीप धक्का देता है और राहुल दीवार से टकराकर वहीं गिर जाता है .
उसके सिर से खून बहने लगता है , लेकिन तभी राहुल जैसा दिखने वाला एक और शख्स वहां आकर खड़ा हो जाता है .
घर के लोग समझ ही नहीं पा रहे थे कि यह सब हो क्या रहा था .
राहुल तुम , तुम तो बेहोश हो गए थे .
यह सब क्या हो रहा है ?
यह सब इस रीमा की वजह से हो रहा है .
हमें इसका कुछ करना ठीक कहती हैं आत्मा .
सुदीप आगे बढ़कर रीमा के बाल पकड़ लेता है और उसे खींच कर दीवार में धक्का देने की कोशिश करता है .
रीमा झटके से दीवार से टकरा जाती है और तभी एक ज़ोरदार चीख सबके कानों में सुनाई देती है .
लेकिन ये चीख रीमा की नहीं बल्कि सुदीप की थी .
रीमा ने पास में पड़े हुए एक डंडे से सुदीप के सर पर वार किया , जिसके वजह से उसके अंदर मौजूद छलावे का साया उसका शरीर छोड़ कर बाहर निकल गया .
सुदीप कुछ देर के लिए बेहोश होकर गिर लेकिन बाद में सब कुछ ठीक होने लगा .
असल में इसके अलावा और किसी के अंदर नहीं बल्कि खुद सुदीप के अंदर था .
ये जैसा जैसा हमे दिखा रहा था , वैसा ही नज़र आ रहा था .
लेकिन अब वो साया यहाँ से जा चुका हैं .
और अब कभी यहाँ वापस नहीं आएगा .
लेकिन तुम्हे कैसे पता चला ?
मुझे इस पर शक हुआ क्यूंकि मैंने ही कहा था शायद driver छलावा है और इसने उससे मार दिया उसके बाद इसने मेरे पैरों के निशान गायब करके सबका शक मेरे ऊपर डाला लेकिन जब आप लोगों ने मुझे मारा नहीं बल्कि मुझे कमरे में बंद कर दिया .
जब राहुल मुझे बचाना आया तो उसने मेरा हाथ पकड़ा ही नहीं था .
छलावे की वजह से सबको ऐसा नज़र आ रहा था .
सुदीप ने उसे मारने की कोशिश की .
तब मुझे समझ में आ गया कि असली ही छलावा सुदीप के अंदर मौजूद था .