हम लखनऊ वाले ना बडे झगडालू होते हैं ।
खाने को लेकर लखनऊ में किसी को बोल दो जनाब खिचडी मिलेगी तो बोलेंगे ।
देखिए खिचडी जो है वो कहीं और होती होगी ।
लखनऊ में दाल का पुलाव होता है और अगर आपने लखनऊ में कहीं बोल दिया की भाई वेज बिरयानी मिलेगी तो आप की तरफ देखेंगे ।
मुस्कुराएंगे और बोलेंगे ।
जब आप बनाएंगे तो हमें बता दीजिएगा ।
हम खाने आ जाएंगे तो ये काम करते हैं ।
आज वेज बिरयानी बनाते हैं और लखनऊ को दावत पे बुलाते हैं ।
फॅस देखिये बात तो सही है कि भाई बिरयानी जो है वो बडे लम्बे समय तक पक्के बननी चाहिए और लंबे समय तक देखा जाए सिर्फ गोश्त पकता है तो इसलिए लखनऊ वाले जो है वो भडक जाते हैं ।
ऍम बिरयानी के नाम पे लेकिन अगर बिरयानी के स्टाइल में वॅार चावल बनाया जाए कोई गलत बात थोडी ना है तो मैं तो वेज बिरयानी बना रहा हूँ जैसे नॉन वेज बिरयानी बनती है ।
देखिए लखनऊ वालों से बना के रखना बहुत जरूरी है ।
कल हो सकता है अपने को इलेक्शन लडना पडे उधर से फिर ऍम बिरयानी बनाने के लिए हमको चाहिए ऍम गाजर , गोभी , मटर और बीन यानि की वो सब्जियाँ जो आमतौर पर घरों में मिल जाती है वही सब्जियां लेंगे ।
ये लीजिए ये गई गोभी गोभी जो है वो गोभी थोडी बडी रखेंगे क्योंकि गोभी टूटती तो अगर यहाँ पे हमने छोटे छोटे टुकडे कर दिए तो हम बनाने जायेंगे ऍम बिरयानी बन जाएगी गोभी के भरते कि बिरयानी और आप कहेंगे रणवीर अपने बताया गए बिनवउँ मटर डालते थोडे से पैसे तो मेरा मन नहीं कर रहा है ।
थोडे से डाल देते हैं इतने प्यार से मटर आए है हमारे पास तो समझ लीजिए कि अपने पास जो सब्जी है वो एक किलो है ।
एक किलो सब्जी में तीन मीडियम साइज के प्याज या दो जंबो साइज के प्याज , एक तरफ बिरयानी और एक तरफ चावल उबलने की तैयारी बडा पाँच डाल देता हूँ ।
थोडा घी तेल तेल ज्यादा ये चावल को उबलने के लिए पानी रख देते हैं ।
पानी में डाला तेजपत्ता , बडी इलायची , जावित्री दो लॉन्ग लॉन्ग बहुत जरूरी थोडी सी काली मिर्च और बेइंतिहा नमक क्या है ना चावल उबालना है तो पानी में नमक ज्यादा होगा तो चावल में नमक अपने आप ठीक हो जायेगा तो एक तरफ चावल का पानी उबल रहा है दूसरी तरफ ये प्याज को तल के ब्राउन कर लेते हैं ।
कुछ लोग नमक डालते हैं ।
प्याज को तलने के टाइम नमक डालने से प्याज का पानी निकल जाता है ।
प्यार जल्दी ब्राउन हो जाता है लेकिन हमें कोई जल्दी नहीं है ।
तसल्ली वाला काम जो है वो रहता है ।
जल्दी का काम किसका होता है तो आप जानते हैं हमारा तो नहीं होगा ।
सब्जी के अंदर डालेंगे दही अदरक लहसुन का पेस्ट बिलकुल थोडा सा घी , हल्दी मिर्च बिलकुल थोडा सा धनिया पाउडर , शाही जीरा और केसर भी बिलकुल थोडा सा और ये जावित्री इलाइची पाउडर ।
अब इन सब्जियों को अच्छे से ऐसे मैरिनेट कर लेना जैसे हम लोग ॅ करते हैं , माॅ करते हैं वैसे ही करना है ।
मटन में हम लोग साथ में प्याज डाल देते हैं क्यों ?
क्योंकि जबकि हम मटन भूनते है , मटन लंबे समय तक बनता है तो प्याज साथ में भूल जाता है ।
यहाँ पर सब्जियाँ फटाफट से भूल जायेगी ।
प्याज को भूनने का मौका नहीं मिलेगा इसलिए प्याज में अलग से भूल रहा हूँ ।
बस इतना ही फर्क है ये गया मिंट नमक ये फ्राई पुँछ तेल फेंकना नहीं ।
जिस घी में हमने प्याज फ्राई किए हैं वही घी वापस डालना है और कभी भी किसी भी सब्जी को तडका लगाना है ।
तो ये वाला भी यूस कर सकते हैं या तेल जिसमें आपने प्याज फ्राई किए हैं ।
जावित्री दो लौंग शाही जीरा बहुत इंपॉर्टेंट है जैसे वो बोलते हैं ना बस वैसे सब्जी भूनना है भाई इस दही के मसाले में सब्जी को लगभग ॅ पका लेना पानी का छींटा बिलकुल थोडा बस डन अभी ये चावल जिसको हमने आधा घंटा कम से कम सोक करना ।
बिरयानी के लिए बासमती ऑलवेज गुडगाँव शिन लेकिन अगर आप पहली दूसरी दफा बिरयानी बना रहे हैं तो सेना इस्तेमाल करिए ।
असमति सेला इस्तेमाल करिए क्योंकि सेला जो है वो स्ट्रक्चर होल्ड करता है और आपके चावल को टूटने नहीं देगा ।
दूसरा बासमती थोडा डेलिकेट होता है तो इसके लिए मैं हमेशा कहता हूँ अगर आप नए हैं तो सेला ढूंढ लिया ।
मसाला भी सुख गया और सब्जी भी लगभग ॅ पक गई ।
ट्वेंटी परसेंट से ज्यादा नहीं पकानी वरना गडबड हो जाएगी , बनाने जायेंगे ।
बॅाल बिरयानी बन जायेगा ।
बिरयानी बढता और कहने की जरूरत नहीं है आप कहेंगे लेकिन रणवीर सब बताता है कुछ नहीं छुपाता अब ये चावल है कोई भी चावल खासतौर बासमती इसको पकाने के लिए तीन चीजों का ध्यान रखें ।
जब सबसे पहले डाले तो पानी गरम होना चाहिए और पानी खोलना चाहिए ।
चावल पहले दो तीन मिनट तक टूटता नहीं लेकिन अगर खोलते पानी में डालो तो उसका साइज बढ जाता है ।
एक स्प्रिंग आ जाता है उसमें तो इसके लिए जब चावल डाले तो पानी खौलता हुआ रखे और पानी में खौलाएं उसको दो तीन मिनट बस उसके बाद गैस स्लो कर दे ।
पानी को और ना खुला क्योंकि फिर चावल जो नाजुक हो जाता है ।
अगर उसके बाद खिलाएंगे तो चावल टूटेगा ।
यानी कि पहले दो मिनट चावल को खोलने दे ।
बॉयल करने दे , रोड करने दे , उसका साइड बढेगा ।
उसके बाद काम कर दे तो अच्छे से बराबर से पक जायेगा ।
देखिए अगर वेज बिरयानी की बात करें तो बिरयानी के बारे में बात हो चुकी है ।
जब हमने बिरयानी बनाई थी , चिकन बिरयानी बिरयानी की हिस्ट्री बताई थी , उसका ऍर कहाँ से नाम आता है ।
वो भी बताया था मोटा मोटी बिरिंग जिससे नाम आता है सिरिंज ।
मतलब चावल , शीर ब्रिज ।
मतलब मीठे चावल , दूध चावल तो बिरिंग से बिरयानी बना बिरयानी , बिरयानी बनी और चावल की बढिया सी पॅन को कायदे से आप बिरयानी कह सकते हैं ।
टेक्निकली अगर सिर्फ ऍसे जाए तो कोई भी चावल की अच्छी पॅन जो है वो बिरयानी हो सकती है क्योंकि क्योंकि उसमें बिर इंजॉय लेकिन बहुत सारे ऍफ मेरे जैसे झगडा करते हैं कि भाई वेज बिरयानी बिरयानी नहीं क्योंकि बिरयानी बनाने में जो दम का प्रोसेस है वो बडा जरूरी है और साथ में दम देना बहुत जरूरी है ।
जो भी चीज बन रही है उसको और चावल को और नॉनवेज चीजें जो है उन का जायका हड्डियों के रस्ते चावल में पहुँच जाता है और वो दम में असल में फ्लेवर आता है ।
वेज बिरयानी मुझे और सब्जियों के दम देता है , सब्जियों का हलवा बन जाता है इसलिए आप झटपट से लेते हैं ।
सब्जियों को फटाफट दम देके निकाल देते हैं तो दम भी आप नहीं दे पाते ।
और शायद इसी वजह से ज्यादातर ऍफ मेरे जैसे क्यों कहते हैं कि देखिए दम बिरयानी जो है वो सब बिरयानी नहीं हो सकती क्योंकि आप कायदे से सब्जी के साथ चावल को दम नहीं दे सकते ।
तो ये जो बिरयानी का झगडा है वो ये हैं कुल मिला के अब ये जो झोल है इसको डालना है चावल के ऊपर ।
इसके बाद वापस से पुदीना , थोडा सा फ्राई , प्याज और वापस से सब्जी , फिर चावल चावल के बाद फिर घी , केसर , हरी मिर्च वाला झोल फ्राइड अन्यन और पुदीना बस दम देना रह गया ।
दम देने के लिए ये आता है हमारे पास और अगर हांडी अगर मोटे तले की नहीं है तो नीचे तवा रख तवा रख के , उसके ऊपर हांडी रख के उसको दम दे तब तक एक झटपट सा रायता बना लेते हैं ।
भूरानी रायता बुरानी रायता की बडी सारी रेसिपी है एक रेसिपी मेरे पास है जो मैंने सीखी है लखनऊ में वो मैं आपको बता देता हूँ नमक और धुआँ देने के लिए कबाब चीनी और सिंपल ये हो गया जी बुरानी रायता गिलिक फ्लेवर्ड योगर्ट , स्मोक वित ऑल स्पाइस फॉर क्लोज इट ॅ ।
वो क्या है ना हमारे लखनऊ की बिरयानी बडी नाजुक होती है ।
हमारी तरह मुँह बहुत ऍम फ्लेवर होते हैं ।
इसके लिए इसके साथ सालन वगैरह जाता नहीं ।
थोडी शार्प मिस चाहिए होती है तो उस हाँ अपन इसके लिए सिर्फ लखनऊ तरीके से रॉक गार्लिक का इस्तेमाल किया ।
यानी कि रॉ गार्लिक की स्पाइसी निस् जो है वो इस बिरयानी को कंप्लेन मिंट करती है ।
इसलिए हमेशा कच्चा गार्लिक जाता है ।
लॉजिक ये था क्योंकि हम अपने नाजुक खाने के साथ ढेर सारी मिर्च और ढेर सारा तीखा सालन नहीं खा सकते ।
तो हमारे लिए नाजुक तीखापन जो है वो रॉ गार्लिक से आ जाता है ।
वाह !
वाह वाह !
देखिये आज जो है ना मेरे मन में वो बिरयानी और पुलाव वाला झगडा हो गया ।
क्या कमाल की बिरयानी साहब बनाएगा ?
जरूर बताएगा जरूर कैसी बनी और हाँ सबसे इंपॉर्टेंट फॅस ग्रूप पे डालेगा ।
हाॅफ से लोग मतलब आती ही नहीं है यूटूब पैसा क्यों ?
क्योंकि आप लोग ग्रूप पे नहीं डालते हैं ।
लिंक सारी रेसिपी अगर अपने लिए रखेंगे तो लोग क्या करेंगे ?
मुँह ग्रुप्स , फॅमिली टेक , लाॅ पीपल , सब्स्क्राइब