दोस्तों , आज की horror story सुनाने से पहले मैं आपको एक interesting सा start बताना चाहता हूं .
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कोटा haunted palace बृजराज भवन कोटा India की एक ऐसी जगह है , जिसका नाम शायद ही किसी Indian ने ना सुना हो .
कोटा IIT की पढ़ाई का एक बहुत बड़ा hub है , लेकिन इसके साथ साथ कोटा में कई राज़ भी छुपे हैं .
कोटा में एक ऐसा palace है जिससे लोग भूतिया मानते हैं .
कोटा का बृजराज भवन palace आज से लगभग दो सौ साल पुराना है जो अब एक hotel की तरह use किया जाता है .
लेकिन कहते हैं कि ये palace देखने में जितना ख़ूबसूरत और शानदार है इसकी कहानी उतनी ही भयानक है , लेकिन कोटा के एक college में पढ़ रहे मोहन को इसका अंदाज़ा नहीं था .
मोहन history का student था और अपने project के लिए मोहन को किसी तीन heritage buildings पर research करनी थी और मोहन ने उनमें से एक heritage building चुनी कोटा का बृजराज भवन palace और शायद उसकी यही भूल उसे बहुत भारी पड़ने वाली थी .
Research के लिए special permission लेकर एक शाम वह अपनी दोस्त और project partner शिखा के साथ बृजराज भवन palace पहुंच गया .
वैसे तो मोहन के कोटा में रहने वाले एक दोस्त ने उसे बताया था कि बृजराज भवन palace haunted माना जाता है और उन्हें रात होने से पहले वहां से निकल जाना चाहिए लेकिन मोहन इन सब चीज़ों में नहीं मानता था जब मोहन और शिखा वहां पहुंचे तो वो palace बिल्कुल बाकी palices की तरह normal लग रहा था .
पत्थर से बनी हुई दीवारें , बड़े बड़े gardens और खूबसूरत नक्काशी .
मोहन और नक्काशी .
मोहन और शिखा palace की research में इतना busy हो गए कि रात कब हुई उन्हें पता ही नहीं चला .
वो दोनों palace से बस जाने ही वाले थे कि मोहन को palace के एक कमरे के सामने से गुज़रते हुए एक बहुत ठंडी हवा का महसूस हुआ .
वो वहीं रुक गया और उस कमरे के बंद दरवाज़े की तरफ़ देखने लगा .
मोहन को अचानक ऐसा लगा कि जैसे कोई उस कमरे के अंदर बैठकर रो रहा है मोहन शिखा की तरफ मुड़ा पर शिखा वहां नहीं थी उसके साथ चलते चलते अचानक से शिखा कहीं गायब हो गई थी .
उधर अंदर से आ रही रोने की आवाज़ एकदम से तेज़ होने लगी .
वह मन को अब हल्की हल्की घबराहट शुरू हो गई थी .
वो शिखा को पुकारने लगा .
उसकी आवाज़ पूरे palace विमानों गूंज रही थी , लेकिन शिखा का कोई नामो निशान ही नहीं था .
अब उस कमरे से आ रही रोने की आवाज़ और तेज़ हो गई .
मोहन को ऐसा लग रहा था कि कोई आदमी दर्द में गुर्रा रहा है और ज़ोर ज़ोर से रो रहा मोहन कांपते हुए दरवाज़े के पास गया और उसने अपना कान दरवाज़े पर लगा लिया लेकिन तभी एकदम से वो रोने की आवाज़ बंद हो गई .
उस कमरे के दरवाज़े पर ताला लगा था तो मोहन दरवाज़े पर लगी खिड़की से अंदर झांकने लगा लेकिन अंदर उसे कोई इंसान नहीं दिख रहा था .
वह वहां से जा ही रहा था कि अचानक वह बंद दरवाज़ा अपने आप खुल गया .
यमन को कुछ समझ नहीं आया कि अभी जिस दरवाज़े पर ताला लगा था वो अपने आप अचानक कैसे खुल गया ?
मोहन हिम्मत करके उस दरवाज़े के अंदर चला गया .
उसने देखा कि कमरे के कोने में एक rotating chair पर एक हट्टा कट्टा आदमी बैठा है जिसकी पीठ मोहन की तरफ़ है .
उस आदमी ने एक uniform पहनी हुई है .
British Indian army की uniform .
मोहन ने देखा कि वहाँ वही आदमी बैठा रहा है .
मोहन ने उसे आवाज़ लगाई .
उससे पुछा कि उसे क्या हुआ है ?
लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया .
मोहन हिम्मत करके उसके पास गया और उसने जैसे ही उस आदमी के कंधे पर हाथ रखा , मोहन का हाथ उसके शरीर के are पार हो गया .
तभी अचानक उस आदमी की गर्दन अपने आप पूरी उलटी हो गई .
उसकी एक आंख फूटी हुई थी और दूसरी आंख बिल्कुल सफ़ेद थी .
ऐसा लग रहा था कि उसका पूरा चेहरा सड़ चुका है .
वह अचानक रोते रोते रुक गया और english में अजीब अजीब सी commands देने लगा और फिर उसके तुरंत बाद एक अजीब ढंग से हंसने लगा .
ये सब देखकर मोहन बहुत ज़्यादा डर गया .
वो सीधा दरवाज़े की तरफ़ भागा , पर दरवाज़ा बंद हो चुका था .
मोहन उसे खोलने की बहुत कोशिश कर रहा था , लेकिन वह दरवाज़ा खुल ही नहीं रहा था .
तभी मोहन ने देखा कि वह भयानक आदमी उसके ठीक सामने खड़ा था और उसके हाथ में rifle थी जिसे उसने मोहन पर तान रखा था .
कमरे की सारी lights अचानक फ़िक्र करने लगे .
मोहन अब बिल्कुल sun पड़ गया था .
उसे लगा कि उसकी ज़िंदगी का आख़िरी दिन नज़दीक आ गया है .
वह आदमी ज़ोर से चिल्लाया और उसने अपनी rifle चला दी .
एक बहुत तेज़ आवाज़ हुई और मोहन चीख उठा .
तभी अचानक मोहन को ऐसा लगा कि जैसे किसी ने उसका कंधा पकड़ा है और उसका नाम पुकार रहा है .
उसने आंखें उठाकर देखा तो सामने शिखा बैठी थी .
वो मोहन को होश में लाने की कोशिश कर रही थी .
ये देखते ही मोहन एकदम हैरान रह गया .
उसने आस पास नज़र घुमाई तो सब वैसे का वैसा ही था .
उस room पर ताला लगा था और अंदर कोई भी नहीं था .
शिखा ने मोहन को बताया कि वो पिछले पंद्रह minute से बिना कुछ बोले उस कमरे की तरफ़ देखे जा रहा था और फिर अचानक चीख के नीचे गिर गया .
मोहन को पहले तो कुछ समझ नहीं आया कि उसके साथ अभी क्या हुआ था और शिखा उसे क्या बता रही है ?
उसे कुछ देर के लिए लगने लगा कि शायद वो helucinate कर रहा था , लेकिन फिर बाद में शिखा ने जो उसे बताया उसे सुनकर मोहन के पैरों तले ज़मीन खिसक गई .
शिखा ने बोला कि जिस कमरे के बाहर मोहन जमकर खड़ा हो गया था , उस कमरे के अंदर कोई अंग्रेज़ आदमी uniform पहने खड़ा था .
उस आदमी ने अजीब सी पुराने ज़माने की British Indian army की uniform पहनी हुई थी .
वो थोड़ी देर मोहन को दरवाज़े के ऊपर लगी खिड़की से देखता रहा और फिर जब वो वापस अंदर चला गया तब मोहन अचानक चीखने लगा .
यह सुनने के बाद मोहन समझ गया कि जो उसके साथ हुआ वो कोई hallucination नहीं , बल्कि एक ऐसा डरावना सच था जो किसी की भी जान निकाल सकता था .
जब मोहन ने इस palace के बारे में और पुछा , तो उसे पता चला कि इस palace में एक British army का top officer रहता था जिससे यह palace बहुत पसंद था , लेकिन freedom struggle के दौरान Indian soldiers ने इस palace में घुसकर उस British general को मार दिया था .
कहते हैं कि आज तक उस British officer की आत्मा बृजराज भवन palace को haunt कर रही है और अपना बदला लेने का wait कर रही है .
वह तो माना जाता है कि वह भूत किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता , पर कई लोगों ने उस British officer को वहां अलग अलग चीज़ें करते देखा है .
वहां की कई watchman ने यह भी बताया कि duty करते time कोई अदृश्य शक्ति उन्हें थप्पड़ मार देती थी और तो और English में उन्हें orders भी देती थी .
उस रात के बाद मोहन फिर कभी उस palace के आसपास भी नहीं गया .
उसके साथ जो भी उस रात हुआ शायद ही मोहन उसे कभी भुला पाएगा .
लेकिन दोस्तों , क्या आप जाना पसंद करोगे ?
कोटा के बृज राज भवन palace में ?
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