अस्लाम वालेकुम दोस्तों मेरा नाम है नसीब शक्कर और आप देख रहे हैं हंसी टीवी जाल्को कुर्वे का सबसे बेहतरीन कितना कहा जाता है इसका जाहिर होना की सबसे अहमतरीन और बडी निशानियों में से एक है फॅसे ।
ये साबित है कि दस साल कोई सिस्टम नहीं बल्कि एक असली शख्सियत होगा और पूरा सिस्टम जो कि इस वक्त बहुत ही कम के कंट्रोल में इसे सपोर्ट करेगा ।
इसी टेक्नोलॉजी से वो ऐसे मुँह लोगों को दिखायेगा की कमजोर के लोग इसे खुदा मानकर इसके पीछे चल पडेंगे ।
इसे खुदा मान लेंगे क्योंकि इसके एक हाथ के अंदर जन्नत और इसके दूसरे हाथ के अंदर अपने खुद के तैयार की हुई जानुम होगी ।
लेकिन इस की फितरत के मुताबिक ये सब कुछ झूट और नजर का धोखा होगा ।
क्योंकि अल्लाह के रसूल होली में फरमाया कि जब तुम ये पाओ तो बिना खतर इसके जहाँ उन के अंदर कूद जाना क्योंकि यही असल जन्नत होगी और इस की जन्नत असल में जहान्नुम फिर से मुताबिक हर एक पैगंबर अपनी अपनी को इसके मुताबिक डराते रहे कि क्या मत से पहले ऐसा बाॅस जमीन पर और कोई नहीं आया ।
लेकिन रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो क्योंकि अल्लाह के नबी है लिहाजा पर ये था कि उम्मत को इसकी निशानियां खोल खोल कर बयान फरमाते , ताकि आपकी उम्मत के लोग इस के अंदर इन्ही निशानियों जाल्को पहचान करे , इसका मुकाबला करे और आपसे लाहुली वाले हमने बिल्कुल ऐसा ही किया ।
मगर दोस्तों मामला इतना सादा भी नहीं है क्योंकि अगर इन निशानियों से दस को पहचानना इतना आसान था तो अल्लाह के रसूल होली वाली फिल्म हमें बार बार इसपे इतना से डराते और खबरदार भला क्यों करते हैं कि हर एक निशानी मसलन इसकी बातें , आँख का खाना होना , बाल घुंघराले गंदगी , रंगत , माथे पर काफी लिखा होना और यहूदी होना ।
इस तरह की कई और हम पहले की विडियो के अंदर जान चुके हैं ।
लेकिन सवाल यह है कि क्या जाल इस वक्त भी दुनिया के अंदर मौजूद है ?
अगर हाँ , तो कहाँ ?
ये सबसे अहम सवाल है क्योंकि अलग मुँह हमने इसकी कैद की जगह तक की निशानदेही कर दी थी कि वो इस वक्त कहाँ मौजूद है और किस दुनिया में जाहिर होगा ।
अगर आज इन्ही निशानियों को सामने रखकर हम इस जजीरे की लोकेशन निकालने की कोशिश कर रहे तो जो हमारे सामने आती है आपको शौक कर देंगे ।
मगर ये सब समझने से पहले के दस साल इस वक्त इस टाइम के अंदर कहाँ पर मौजूद है ।
हमें एक साहब भी जिनका नाम था जमींदारी , इनके समुंद्री और दस साल से इनकी मुलाकात का वाकया जानना इन तिहाई जरूरी है जिसे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु हमने भी कन्फर्म किया की ।
हाँ जिस शख्स से तो मिले थे वो दरअसल गजाली था ।
ये सही मुस्लिम की एक है जिसका नाम है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो जो कि पहले क्रिश्चिन थे ।
जब रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ली वाली फिल्म के पास इस्लाम कबूल करने के लिए हाजिर हुए तो आपने एक समुद्री सफर का आप सल्लल्लाहो ली वाली फिल्म से बयान किया ।
हजरत फाॅर है की एक रोज रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो हमने नमाज के बाद तमाम साहब आपको मस्जिद में बैठे रहने का काम दिया ।
मैं तमाम औरतों की पहली सबके अंदर मौजूद थी और फिर फरमाया की आज मैंने तुम्हें कोई अल्लाह का पैगाम या नसीयत सुनने के लिए नहीं बुलाया बल्कि वो कुछ बयान करने के लिए बुलाया है जो कि तमीम दारी ने इस्लाम कबूल करने के बाद आज मुझसे बयान क्या ?
वो कहते हैं कि मैं अपने जवानी के दिनों के अंदर आपने तीस लोगों के साथ अरब के मछली के अंदर समुद्री सफर पर था कि अचानक से मौसम हो गया ।
ऊँची ऊँची समुद्री लहरें उठने लगी ।
मौसम इतना हो गया कि पूरे एक महीने तक हमारा जहाज समंदर के अंदर इस गोले खाता रहा और हमें कुछ नहीं पता था कि हम लोग कहाँ पर जा रहे हैं या कहाँ पर मौजूद हैं ।
हमने अपने इस बडे जहाज से छोटी छोटी कश्तियाँ उतारी और अलग अलग जगह पर खाने और लोगों की तलाश के अंदर निकल गए ।
मैं अपनी कश्ती पर बैठ कर कुछ लोगों के साथ एक जजीरे पर पहुँचा जहाँ पर एक अजीबो गरीब किस्म के जानवर को हमने अपने सामने खडे देखा जिसका जिस्म बालों से मुकम्मल तौर पर भरा हुआ था ।
ये चीजे इंसानों की तरह बातें कर सकती थी ।
हम लोग इसे देखकर डर गए कि आखिर ये क्या चीज है ।
मैंने पूछा कि तुम क्या बनाओ ?
इसने जवाब दिया कि मेरा नाम है जैसा हम लोगों ने पूछा कि तुम क्या चीज हो ?
इस ने जवाब दिया कि ये सब बातें छोडो बल्कि मैं तुम्हें अपने मालिक से मिलवाता हूँ ।
वो सामने जो मंदिर है वहाँ पर वो शख्स बडी शिद्दत से तुम्हारा इंतजार कर रहा है ।
अब इस वाकया के अंदर इस मंदिर यानी बुतखाना के लव मुँह में रखना है ।
तमीम दारी कहते हैं कि हम इसके पीछे चले और इस मंदिर के अंदर एक बहुत बडी सामत के शख्स को हमने जंजीरो के अंदर बंधा हुआ देखा ।
इससे बडी जैसा मत का शख्स हमने आज से पहले कभी नहीं देखा था ।
इसके हाथ इसके गर्दन से बंधे हुए थे और इस शख्स ने आते ही हमसे कुछ सवाल किया है ।
पहला सवाल यह था कि मुझे खजूरों के बारे में बताओ ?
क्या वहाँ पर दरख्तों पर अभी भी फल आते हैं ?
हमने कहा की हाँ बिलकुल आते हैं ।
वो कहने लगा कि वहाँ पर बहुत जल्द कोई फल नहीं होगा ।
फिर कहने लगा कि मुझे तब रिया के जेल के बारे में बताओ ।
क्या इसमें अभी भी पानी बाकी है ?
हमने कहा की हाँ बहुत ज्यादा पानी है ।
इसने कहा कि बहुत जल्द ये भी खुश होने वाला है ।
तीसरा सवाल इस ने ये किया कि मुझे अगर के चश्मे के बारे में बताओ और इसके बाद गोलन की पहाडियों के बारे में पूछने लगा और आखिर में कहने लगा कि मुझे उम्मीद पैगंबर के बारे में बताओ की इसने अब तक क्या किया ।
हमने जवाब दिया कि वो मक्का से निकलकर मदीना के अंदर आप बात हो चुके हैं ।
वो ये सुनकर काफी हैरान हुआ कि क्या वाकई ऐसा हो चुका है ।
हमने कहा की हाँ बिलकुल ।
इसके बाद इस शख्स ने कहा कि अब मैं तुम्हें बताता हूँ कि मैं कौन हूँ , मैं ही हूँ और बहुत जल्दी ये तमाम निशानियां पूरी होते ही मुझे यहाँ से बाहर निकलने की इजाजत मिल जाएगी और मैं पूरी दुनिया के अंदर जाऊंगा सिवाय मक्का और मदीना के ।
इसके बाद आपसे लाला होली वाला हम ने फरमाया कि लोगो ये यश यानी मदीना देखो मैं तुम्हें नहीं कहा करता था कि जालना शाम के समुन्दर में है और ना ही यमन के समुन्दर में बल्कि अपने हाथ से मशरिक की तरफ इशारा करके आपने तीन मर्तबा फिर माया जाल मशरिक में जाल मशरिक में जाल मशरिक में इस सदी से मुबारका के अंदर हमें डाॅट लोकेशन की तरफ इशारा किया गया है कि वो मदीना के मशरिक के अंदर किसी मुँह के अंदर कैद है तो चले मदीना के मशरिक के अंदर तमाम मुँह की खोज करते हैं और उसकी लोकेशन का पता लगाने की कोशिश करते हैं ।
मदीना के साथ मशहूर अरेबियंस ही मौजूद है जहां ऍम दारी का ये जहाज रवाना हुआ था ।
इस समुंदर में चार ऍम जजीरे आते हैं इंडिया में लक्ष्यद्वीप आइलैंड , मसीरा आइलैंड जोकि अमान में स्क्वॉयर आइलैंड जो कि यमन में और आखिरी है ।
पॅन हदीसे मुबारका में ये वाजे है कि धड ना शाम में है और ना ही यमन में है ।
लिहाजा इन चार में से दो जजीरे बाकी रह गए ।
इंडिया का लाॅक तो अब ये डिसाइड कैसे होगा कि इन दोनों आइलैंड में से दरअसल वो आइलैंड था कौन सा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु हमने मदीना से मशरिक के जिस तरह इशारा किया था अगर हम इसे एक सीधी लाइन खींचे तो आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये और कोई नहीं बल्कि फॅमिली ही बनता है क्योंकि इंडियन आइलैंड इस लाइन से काफी दूर हो जाता है ।
जैसा की आप ऍफ में देख सकते हैं जैसा के ऊपर है ।
इसके अंदर हमने जाना कि साइलेंट पर एक मंदिर भी मौजूद था जो कि रसूलुल्लाह के जमाने यानी चौदह सौ साल से भी पहले का साइलेंट पर मौजूद था ।
लिहाजा अपने शक को यकीन में बदलने के लिए हमें साइलंट पर एक ऐसे ही मंदिर को तलाश करना होगा ।
लेकिन इंडिया के साइलेंट पर ऐसा कोई मंदिर मौजूद नहीं पर हाँ ॅ आइलैंड पर ये आज भी मौजूद है ।
जी हां ये मशहूर काली माता का मंदिर है जिसे तबाही फैलाने वाली खतरनाक और खौफनाक किस्म की देवी हिंदुओं के अकीदे के अंदर माना जाता है ।
इसके भी जिस्म पर बहुत ज्यादा बाल मौजूद हैं ।
बिल्कुल वही होलिया जैसा था ।
और ये मंदिर भी यहाँ पर कुछ सौ साल पहले नहीं बनाया गया बल्कि आज से दो हजार साल पहले का ये यहाँ पर मौजूद है यानी रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ली वाली फिल्म के जमाने से भी छह सौ साल पहले का ।
तो क्या ये सब कुछ हो सकता है ?
बिल्कुल नहीं बल्कि ये कन्फर्म है कि ये वही जगह थी जहां पर तमीम दारी की दस साल और इसके साथ ही से मुलाकात हुई थी ।
और दस साल के पूछे गए सवालों के मुताबिक जो भी निशानियां उसने बयान की यानि कि खजूरों तिवरिया के जेल और गोलान की पहाडियों से मुतालिक वो सब के सब निशानियां पूरी हो चुकी है ।
और शायद अब तक ये दस साल वहाँ से आजाद भी हो चुका है ।
मगर अभी तक दुनिया के सामने नहीं आया ये सब निशानियां आखिर कैसे पूरी हो चुकी है ।
आइए जरा जानते हैं सबसे पहले बेसन की खजूरों की निशानी पर गौर करें क्योंकि बेसन का इलाका पहले फलस्तीन के अंदर शामिल था और व्रत उमर के दौर के अंदर इसे शरजील बिन हसना और आमिर बिना उस ने किया था जबकि नाइनटीन फोर्टी एट तक ये इलाका उडदन का हिस्सा था जिसपर इस्राइल ने कब्जा कर लिया ।
किसान अपनी खजूरों के भाग के लिए मशहूर था और इस वक्त भी किसान का कुछ इलाका उडदन के पास है मगर इस तमाम इलाके के अंदर मौजूद खजूरों के बाद बिलकुल खत्म हो चुके हैं जैसे कि दस जलने बयान किया था ।
इसका दूसरा सवाल था यानी लेकर गली के मुतल्लिक के क्या इसका पानी अब तक खुश हो चुका है ?
ये जेल इस वक्त इसराइल के अंदर मौजूद है जिसपर यहुदियों का कब्जा है ।
इस झील के पास यहूदियों के चार बडे शहरों में से एक शहर मौजूद है और जब रोमी बादशाह टाइट इसने बैतुल मुकद्दस पर हमला किया और इसे तबाह किया तब तमाम यहूदी रब्बी बहरे तब रिया के पास आकर जमा हो गए यहाँ पर आबाद हो गए और अपनी मजहबी किताब तल मौत को दे दिया ।
इस झील की लंबाई कुमाल से जब तक तेईस किलोमीटर है ये यहूदियों के लिए मीठे पानी का सबसे बडा सोर्स है जो की उडदन की गोलान पहाडियों के सबसे बडे पहाड जब से आता है और इस वक्त सूरत हाल यह है कि यह झील अपने सौ साल की कम तीन पानी की सतह पर पहुँच गयी और बिलकुल खुश करने के करीब है ।
जैसा की दस जालने बयान किया था फॅस तीसरा सवाल इसने इसराइल के मछली के अंदर मुँह के चश्मे के बारे में पूछा जिसपर इस वक्त भी यहूदियों का कब्जा हो चुका है ।
इसके बाद जालका अगला सवाल था गोलान की पहाडियों के बारे में जिन्हें नाइनटीन सिक्सटी ऍम की जंग के अंदर इसराइल ने शाम से छीन लिया था और इस पहाडी इलाके की सबसे ऊंची चोटी है ।
जब जहाँ पर एक तरफ से बेहतर मुकद्दस और दूसरी तरफ इसके नीचे से दमिश्क नजर आता है ।
इसकी ऊंचाई नौ हजार दो सौ बत्तीस फुट है जिसपर लिबनान शाम और इसराइल का कब्जा है क्योंकि ये अठारह सौ स्क्वेयर किलोमीटर का लंबा ट्रेन इलाका है जिसके साथ तिवरिया की जेल और शुगर का चश्मा भी मजबूत है ।
इसके साथ साथ किसान का इलाका भी इसी के बिल्कुल पास मौजूद है ।
लिहाजा अगर हम दस साल की तरफ से पूछे जाने वाले सवालों पर गौर करें तो इन सब का ताल्लुक गोलान की पहाडियों से बनता है जोकि बिल्कुल नहीं है क्योंकि मार्च दो हजार सत्रह के अंदर ऍम अल के हवाले करने का फायदा करके इस सूरत हाल को बिलकुल क्लियर कर दिया की तो जलने ये सब सवाल आखिर क्यों किये ?
इन सवालों का मकसद इसकी आमत से क्यों है ?
अब जरा इस टाइम लाइन को आपस में जोडते जाए ।
हम सभी लोग जानते हैं कि जंगों के अंदर ऊँचे इलाके या फिर पहाडी इलाके की क्या अहमियत होती है ।
खासतौर पर जब इन पहाडों के नीचे जंग का मैदान मौजूद हो जालका जरूर तीसरी आदमी जंग के बाद होगा जब माँ सलाम यानी के हर मत धोनी के अंदर मुसलमानों की की आदत करेंगे और उसके बाद जालका जरूर होगा जिससे करने के लिए साला सलाम लाएंगे ।
बाइबल के मुताबिक इस जंग का मैदान इसराइल के के अंदर इसी गोलान हाइट की पहाडियों के मैदान को बताया गया है और जंग का जिक्र मुबारका के अंदर भी मौजूद है ।
इसराइल ने गोलन हाइट्स पर कब्जा कर के जंग की तैयारी शुरू कर दी है और सिर्फ और सिर्फ अपने मासी या दस साल के इंतजार में है कि वो कब दुनिया के सामने जाहिर होकर अपनी खुदाई का ऐलान करे और यहूदी काम की बात छात को संभाल कर मुसलमानों के खिलाफ जंग करे और अब आपको समझ जाना चाहिए कि क्यों इस वक्त आने में पूरी दुनिया के मुसलमानों के खिलाफ यूनाइटिड नेशन का ब्लॉग बना कर इस जंग की तैयारी मुकम्मल कर चुके है ।
मगर हम लोग अभी तक किसी गफलत के अंदर है , इन हालात और निशानियों से अब अंदाजा लगाने की कोशिश करेंगे ।
इस आखिरी जमाने के अंदर आखिर कितना बाकी है मेरी साथी ?
राय के मुताबिक आदि साडी यानी चालीस या पचास साल आने के अंदर इस वक्त बाकी है मौजूदा हालातों वाकयात को देखकर यह मेरा अंदाजा है जो की सही भी हो सकता है या फिर गलत भी ।
क्योंकि क्या मत का असल सिर्फ और सिर्फ अल्लाताला के पास ही है ।
लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि क्या हमने इस वक्त की तैयारी कर ली है ?
और अगर ये सब निशानियां देखकर अभी हमारी आंखें नहीं खुलती तो आखिर कब खुलेगी हमें समझने की और आमीन ?
मुझे उम्मीद है कि इस विडियो से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा और ये विडियो आपको पसंद आया होगा ।
अगर ये विडियो आपको अच्छा लगा तो उसे लाइक कीजिए और मैं मिलुंगा ।
आपसे एक ऐसी नई इंट्रेस्टिंग विडियो में तब तक के लिए अपना बहुत ख्याल रखिएगा ।
ऍफ वॉचिंग दिस विडीओ ऍम